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आत्मविश्वास

 💎💎 ★【 आत्मविश्वास - 1 】 💎💎 ⛅क्या है आत्मविश्वास आत्मविश्वास वस्तुत: एक मानसिक एवं आध्यात्मिक शक्ति है।  ⛅इससे महान कार्यों के संपादन में सहजता और सफलता हमें प्राप्त होती है। बगैर आत्मविश्वास के इन कार्यों की सफलता संदिग्ध ही बनी रहती है।  ⛅एकाग्रचित बनें : जिस भी व्यक्ति का मन शंका, चिंता और भय से भरा हो वह बड़े कार्य तो क्या, साधारण से साधारण कार्य भी नहीं कर सकता है। चिंता व शंका आपके मन को कभी भी एकाग्र न होने देंगे अत: आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु अपने मन से सभी प्रकार के संदेह निकालें तथा एकाग्रता को बढ़ाएं।  ⛅आत्मविश्वास अद्भुत शक्ति : आत्मविश्वास एक अद्भुत शक्ति होती है। इसके बल से व्यक्ति तमाम विपत्तियों तथा शत्रुओं का सामना कर लेता है।  ⛅संसार के अभी तक के बड़े से बड़े कार्य आत्मविश्वास के बलबूते ही हुए हैं और हो रहे हैं तथा होते रहेंगे।  ⛅हमें जीवन में कोई भी कार्य में सफलता को हासिल करना है।तो अपने अंदर के आत्मविश्वास को जगाना बहुत जरुरी है। खुद को यह बताना भी जरुरी है कि हम भी कुछ कर सकते है।हमें अपने जीवन को लक्ष्य दे करके चलना चाहिए।  ⛅✾ स्वंय पर विश्वास रखें, लक्ष्य बनाय

परधानी

  छोड़ि नौकरी करब किसानी , अगिले सालि लड़ब परधानी ।  कवन फायदा एम टेक कइ के , का होई एम बी ए कइ के ।  एन्ने - ओन्ने रोज भटकबा , एम ए , बी ए , सी ए कइ के ।  मालिक कै गारी सुनि - सुनि के , कटिहैं सगरो चढ़ल जवानी ।   अगिले सालि लड़ब परधानी ।   मटका कै कुर्ता - पयजामा , ओकरे उप्पर पहिन क सदरी ।   हाथ जोड़ि के दाँत चियरले . दिन भर घुम्मब बखरी - बखरी ।    चाची , आजी , भउजी कहिके , बाँटब सबके शहद जुबानी ।    अगिले सालि लड़ब परधानी ।    ए टोला में दारू - मुरगा , ओ टोला में कम्बल बाँटब ।     मना करी जे - जे लिहले से , तेकर कुछु दिन तलुआ चाटब ।    जीती जाब तब्बै देखिलाब, सबके आपन मूल निसानी।      अगिले साल लड़ब परधानी कागज में पोखरा खनवाइब, कगजे में ओके पटवाइब।      कागज के खेली - खेल में, झोरा भरि - भरि नोटि कमाइब।       मार्शल अउर बुलेरो में फिर होई आपन रोज रवानी।        अगिले साल लड़ब परधानी।        मनरेगा में मन भर उछिलब, रखब लगे सरकारी कोटा।        गोहूँ चाउर बेची - बेची के, पल्सर लेई बड़का बेटा।          चौराहा पर सांझ कटी ता, जिंदगी आपन लगी सुहानी, अगिले साल लड़ब परधानी।           पाँच सा

पिता की प्रार्थना

          एक बार पिता और पुत्र जलमार्ग से यात्रा कर रहे थे, और दोनों रास्ता भटक गये। फिर उनकी नौका भी उन्हें ऐसी जगह ले गई, जहाँ दो टापू आस-पास थे और फिर वहाँ पहुंच कर उनकी नौका टूट गई।            पिता ने पुत्र से कहा, "अब लगता है, हम दोनों का अंतिम समय आ गया है, दूर-दूर तक कोई सहारा नहीं दिख रहा है।"           अचानक पिता को एक उपाय सूझा, अपने पुत्र से कहा कि "वैसे भी हमारा अंतिम समय नज़दीक है, तो क्यों न हम ईश्वर की प्रार्थना करें।"            उन्होने दोनों टापू आपस में बाँट लिए। एक पर पिता और एक पर पुत्र, और दोनों अलग-अलग टापू पर ईश्वर की प्रार्थना करने लगे।           पुत्र ने ईश्वर से कहा, 'हे भगवन, इस टापू पर पेड़-पौधे उग जाए जिसके फल-फूल से हम अपनी भूख मिटा सकें।' ईश्वर ने प्रार्थना सुनी गयी, तत्काल पेड़-पौधे उग गये और उसमें फल-फूल भी आ गये। उसने कहा ये तो चमत्कार हो गया।            फिर उसने प्रार्थना की, एक सुंदर स्त्री आ जाए जिससे हम यहाँ उसके साथ रहकर अपना परिवार बसाएँ। तत्काल एक सुंदर स्त्री प्रकट हो गयी। अब उसने सोचा कि मेरी हर प्रार्थना सुनी जा रह

नौ सूत्र

 ✍️ यदि "महाभारत" को पढ़ने का समय न हो तो भी इसके नौ सार- सूत्र हमारे पारिवारिक जीवन में उपयोगी सिद्ध हो सकते है :- *1. संतानों की गलत माँग और हठ पर समय रहते अंकुश नहीं लगाया गया, तो अंत में आप असहाय हो जायेंगे-*  *कौरव* *2.आप भले ही कितने बलवान हो लेकिन अधर्म के साथ हो तो, आपकी विद्या, अस्त्र-शस्त्र शक्ति और वरदान सब निष्फल हो जायेगा -*    *कर्ण* *3.संतानों को इतना महत्वाकांक्षी मत बना दो कि विद्या का दुरुपयोग कर स्वयंनाश कर सर्वनाश को आमंत्रित करे-* *अश्वत्थामा* *4.कभी किसी को ऐसा वचन मत दो  कि आपको अधर्मियों के आगे समर्पण करना पड़े -*    *भीष्म पितामह* *5.संपत्ति, शक्ति व सत्ता का दुरुपयोग और दुराचारियों का साथ अंत में स्वयंनाश का दर्शन कराता है -*    *दुर्योधन* *6.अंध व्यक्ति- अर्थात मुद्रा, मदिरा, अज्ञान, मोह और काम ( मृदुला) अंध व्यक्ति के हाथ में सत्ता भी विनाश की ओर ले जाती है -*    *धृतराष्ट्र* *7.यदि व्यक्ति के पास विद्या, विवेक से बँधी हो तो विजय अवश्य मिलती है -* *अर्जुन* *8.हर कार्य में छल, कपट, व प्रपंच रच कर आप हमेशा सफल नहीं हो सकते -* *शकुनि* *9.यदि आप नीति,

Focus on your future

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🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃 आस जिस की जवान होती है  उसकी ऊँची उड़ान होती है ... परिंदे रुक मत ,  तुझमें अभी जान बाकी है मन्जिल दूर है, बहुत उड़ान बाकी है ... आज या कल मुट्ठी में होगी दुनियाँ लक्ष्य पर अगर तेरा ध्यान बाकी है ... यूँ ही नहीं मिलती रब की मेहरबानी एक से बढ़कर एक इम्तेहान बाकी है ...  जिंदगी की जंग में है हौसला जरुरी जीतने के लिए सारा जहान बाकी है। 🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃🍂🍃 ━━━━━━━━━━━━━ Powered By: Fb page UNIQUE KNOWLEDGE Written by :-   P. No:- 02 Anupam pandey unique // 
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